कोविड-19 महामारी पर नियंत्रण पाने में असफल अरविन्द सरकार की प्रशासनिक अक्षमताओं और नाकामियों को उजागर करने की श्रंखला में गुरूवार को दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डॉ. नरेन्द्र नाथ ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। डॉ. नरेन्द्र नाथ ने कहा कि आज दिल्ली सरकार की स्थिति आईसीयू के मरीज के जैसी लाचार है जिसने दिल्ली को वेंटिलेटर पर पहुंचा दिया है।
उन्होंने कहा दिल्ली जब नीति आयोग के अन्तर्गत विनोद पॉल समिति और महेश वर्मा समिति ने मई और अक्टूबर महीने कोविड मामलों में अत्यधिक बढ़ोत्तरी की बात की थी। और यह भी कहा था कि इनमें से 20 प्रतिशत संक्रमित गंभीर मरीज होंगे। परंतु आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया जिसका परिणाम कोविड से जून में 2269 मौतें हुई ओर नवम्बर में 2669 लोगों की मौत हुई। और दिल्ली में अभी तक 9300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
125 वेंटिलेटर खरीद में धांधली का आरोप
संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए डॉ. नरेन्द्र नाथ ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल कोविड मरीजों की सुविधाओं के लिए सिर्फ घोषणाएं ही कर रहे है। कोविड मरीजों को दिल्ली सरकार के अस्पताल हो या निजी अस्पताल हो, कहीं भी आईसीयू-वेंटिलेटर बेड नहीं दिए जा रहे जबकि जून में एक एप के द्वारा खाली बेड की दिखाए गए थी परंतु मरीजों को बेड नही दिए जा रहे है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों आईसीयू-वेंटिलेटर बेड की दरें फिक्स की है वह भी साधारण मरीजों की पॉकेट से बाहर है। नाथ ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में बिना आईसीयू वेंटिलेटर बेड की दरें 1500 रुपये फिक्स की है जबकि दिल्ली सरकार में 10 गुणा अधिक 15000 रुपये है और वेंटिलेटर बेड की दरें भी दिल्ली में कांग्रेस शासित राज्यों की तुलना में दुगनी है।
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