
राजधानी में कोरोना संक्रमण के नए मामले आना कम हो रहे है, लेकिन संक्रमण से मौतें कम होने की रफ्तार अभी धीमी है। इस पर उपराज्यपाल अनिल बैजल के अधिकारियों को कदम उठाने के निर्देश देने के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मौतें होने की वजह और उसे कम करने के उपाय को लेकर विस्तृत विश्लेषण रिपोर्ट मांगी है।
इसका उद्देश्य सरकार रिपोर्ट के अनुसार मौतों को रोकने के लिए रणनीति बनाकर काम करेंगी। दिल्ली सरकार यह पता लगाना चाहती है कि कोविड-19 से जिन लोगों की मौतें हुई हैं, उनमें कितने लोग पहले से ही अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित थे या उनकी उम्र आदि क्या थी? क्या कोविड होने के बाद उनकी मौत की वजह पूर्व की गंभीर बीमारी थी या कुछ और रही है?
जून में एक दिन मे 120 मौतें तक
दिल्ली में जब कोरोना अपने चरम पर था, उस दौरान लगभग 120 मौतें एक दिन मे हो रही थी। अब वहीं 7 जुलाई को 50 लोगों की मौत हुई है। पिछले दो सप्ताह में प्रतिदिन आ रहे केस की संख्या में गिरावट के साथ ही मौतों की संख्या में भी कमी आई है। हालाँकि मौत कम होने की रफ्तार धीमी है।
2 मार्च पहला केस और 14 को पहली मौत
बता दें दिल्ली में 2 मार्च को पहला कोरोना का मामला सामने आया था। वहीं, 14 मार्च को कोरोना संक्रमण से पहली मौत हुई थी। इसके बाद दिल्ली 13 मई को 20 मौतें जुड़ने के साथ मौतों की संख्या 100 का आकड़ा पार कर 106 पहुंच गई। 11 जून को 85 मौतों जुड़ 1085 मौतें हो गई। 19 जून को 66 मौतें जुड़ कर 2 हजार का आकड़ा पार कर 2035 मौतें हो गई।
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