सांसों की डोर थमते ही पल भर में अपने बेगाने हो गए। पुत्र समेत अन्य परिजन अस्पताल से चोरी छिपे भाग निकले। पुलिस ने छह घंटे बाद पुत्र को राजी किया तो वह नगर पंचायत की कचरा गाड़ी लेकर आ गया और उसी में पिता का शव ले गया।
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