मुफलिसी में मेडलिस्ट : आज ऑटो चलाने को मजबूर ये मुक्केबाज, आपबीती पर बोले- समाज का ये बर्ताव दर्द देने वाला https://ift.tt/eA8V8J

जिस मुक्केबाजी के जुनून में दिन रात एक कर पसीना बहाया और देश के लिए पदक जीते। वह मुक्केबाजी जब दो वक्त की रोटी न दे सकी तो आबिद खान ने ऑटो थाम लिया। यह सच्चाई है राष्ट्रीय स्तर के मुक्केबाज की, जो आज मुफलिसी में जी रहा है।

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